Driving Tips: सीख रहे हैं ड्राइविंग, तो इन 10 जरूरी बातों का रखें ध्यान, मुसीबत से बच जाएंगे

पुराने और अनुभवी ड्राइवर कहते हैं कि कार चलाना कोई भी सीख सकता है। लेकिन जो कार चलाना नहीं जानते उन्हें यह बड़ा काम लग सकता है। कार सीखने वाला शख्स जब पहली बार स्टीयरिंग संभाल रहा हो तो सब कुछ थोड़ा मुश्किल ही लगता है। लेकिन इसके लिए अगर आप कुछ कुछ जरूरी टिप्स जान गए तो फिर ड्राइविंग सीखना बहुत आसान लगने लगता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही आसान और जरूरी टिप्स बता रहे हैं।
ड्राइविंग सीखने से पहले ट्रैफिक नियमों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। यातायत के नियमों को समझना और पालन करना बेहद जरूरी होता है। सड़क पर होने वाली ज्यादातर दुर्घटनाओं में अक्सर ड्राइवर की गलती देखी जाती है। अगर आप नियमों के मुताबिक सही तरीके से ड्राइविंग नहीं करते हैं तो आप खुद के साथ दूसरों को भी मुसीबत में डाल सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप ड्राइविंग की बारीकियों को पहले सीखें इसके बाद ही गाड़ी को सड़क पर उतारें। अगर आप ऐसा करेंगे तो खुद भी अपने घर सुरक्षित जाएंगे। साथ ही दूसरे भी अपने घर सही सलामत पहुंचेंगे। सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने के लिए आज के समय में कई कार निर्माता कंपनियां अपने ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल भी चला रही हैं। ये ड्राइविंग स्कूल उस पद्धति पर काम कर रही हैं जिससे ड्राइविंग सीखना बेहद आसान हो गया है।
ड्राइविंग सीखने से पहले ट्रैफिक नियमों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। यातायत के नियमों को समझना और पालन करना बेहद जरूरी होता है। सड़क पर होने वाली ज्यादातर दुर्घटनाओं में अक्सर ड्राइवर की गलती देखी जाती है। अगर आप नियमों के मुताबिक सही तरीके से ड्राइविंग नहीं करते हैं तो आप खुद के साथ दूसरों को भी मुसीबत में डाल सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप ड्राइविंग की बारीकियों को पहले सीखें इसके बाद ही गाड़ी को सड़क पर उतारें। अगर आप ऐसा करेंगे तो खुद भी अपने घर सुरक्षित जाएंगे। साथ ही दूसरे भी अपने घर सही सलामत पहुंचेंगे। सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने के लिए आज के समय में कई कार निर्माता कंपनियां अपने ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल भी चला रही हैं। ये ड्राइविंग स्कूल उस पद्धति पर काम कर रही हैं जिससे ड्राइविंग सीखना बेहद आसान हो गया है।

सिमुलेटर से करें शुरुआत
ड्राइविंग स्कूल की सबसे खास बात यह होती है कि यह सड़क पर ड्राइविंग सिखाने से पहले प्रशिक्षुओं को एडवांस ड्राइविंग ट्रेनिंग सिमुलेटर से रू-ब-रू करवाती हैं। इसका फायदा यह होता कि कार चलाना सीख रहा व्यक्ति, सड़क पर गाड़ी के संतुलन, दूसरी गाड़ी से दूरी, मोड़ों पर स्पीड लिमिट (गति सीमा), ओवरटेकिंग के दौरान आत्मविश्वास, ब्रेक लगाना आदि जरूरी चीजों को सिमुलेटर पर ही सीख लेता है। इसके बाद जब वो सड़क पर उतरता है तो उसे पता होता है कि ड्राइविंग की बुनियादी बातें क्या हैं।
ड्राइविंग स्कूल की सबसे खास बात यह होती है कि यह सड़क पर ड्राइविंग सिखाने से पहले प्रशिक्षुओं को एडवांस ड्राइविंग ट्रेनिंग सिमुलेटर से रू-ब-रू करवाती हैं। इसका फायदा यह होता कि कार चलाना सीख रहा व्यक्ति, सड़क पर गाड़ी के संतुलन, दूसरी गाड़ी से दूरी, मोड़ों पर स्पीड लिमिट (गति सीमा), ओवरटेकिंग के दौरान आत्मविश्वास, ब्रेक लगाना आदि जरूरी चीजों को सिमुलेटर पर ही सीख लेता है। इसके बाद जब वो सड़क पर उतरता है तो उसे पता होता है कि ड्राइविंग की बुनियादी बातें क्या हैं।

सिमुलेटर वीडियो गेम की तरह होता है। जिसमें एक केबिन, स्टीयरिंग एवं थ्रीडी स्क्रीन पर दिखने वाली सड़कें होती हैं। पूरी दुनिया में प्रशिक्षण के लिए एडवांस सिमुलेटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए एक सुरक्षित केबिन में बैठकर ड्राइविंग का छात्र कठिन परिस्थितियों को समझते हुए ड्राइविंग का कौशल विकसित कर सकता है। भारत में कई ड्राइविंग स्कूल इस टेक्नोलॉजी के जरिए अपने छात्रों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग देते हैं। जिसमें एक केबिन में लगभग सभी कंट्रोल जैसे कि स्टीयरिंग, गियर, क्लच, ब्रेक आदि कई स्क्रीन के साथ दिए गए हैं। इसमें वास्तविक ड्राइविंग परिस्थिति प्रशिक्षु के सामने आती रहती है। ऐसी परिस्थितियों की संरचना के लिए सिमुलेटर में कंप्यूटर साफटवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें स्टूडेंट के पास ड्राइविंग वातावरण जैसे कि शहरी सड़क या हाईवे आदि चुनने का विकल्प होता है। इस ट्रेनिंग के जरिए छात्र सड़क पर प्रशिक्षण शुरू करने से पहले सभी बुनियादी चीजों का ज्ञान हासिल कर सकता है।

तेज रफ्तार से बचें
आमतौर पर देखा जाता है कि युवा चालक तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने के शौकीन होते हैं। लेकिन कार की जितनी ज्यादा रफ्तार होगी, सड़क पर दुर्घटना की संभावना भी उतनी ज्यादा बनी रहेगी। इसलिए सड़क पर गाड़ी हमेशा धीरे चलाएं।
आमतौर पर देखा जाता है कि युवा चालक तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने के शौकीन होते हैं। लेकिन कार की जितनी ज्यादा रफ्तार होगी, सड़क पर दुर्घटना की संभावना भी उतनी ज्यादा बनी रहेगी। इसलिए सड़क पर गाड़ी हमेशा धीरे चलाएं।

सीट बेल्ट जरूर पहनें
कार चलाते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें और अपने साथ वाले को भी सीट बेल्ट पहनने के लिए कहें। ऐसा सिर्फ कानूनी कार्रवाई से बचने की मानसिकता के साथ करने की बजाए, अपनी सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि 56 फीसदी युवा सीट बेल्ट नहीं लगाए हुए थे।
कार चलाते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें और अपने साथ वाले को भी सीट बेल्ट पहनने के लिए कहें। ऐसा सिर्फ कानूनी कार्रवाई से बचने की मानसिकता के साथ करने की बजाए, अपनी सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि 56 फीसदी युवा सीट बेल्ट नहीं लगाए हुए थे।

उचित दूरी रखें
कार चलाते समय सामने वाले वाहन से हमेशा उचित दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। ज्यादातर दुर्घटनाएं बहुत नजदीक चलने की वजह से होती हैं। हाईवे पर कार चलाते समय आगे वाली गाड़ी से कम से कम 70 मीटर की दूरी रहना जरूरी है। साधारणतया, ड्राइविंग के समय अगर आपको सड़क के बीच में वाइट पट्टी (जो अधिकांश सड़कों पर होती ही है), दिखती है तो आप अगली कार से खुद को सुरक्षित दूरी पर मान सकते हैं।
कार चलाते समय सामने वाले वाहन से हमेशा उचित दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। ज्यादातर दुर्घटनाएं बहुत नजदीक चलने की वजह से होती हैं। हाईवे पर कार चलाते समय आगे वाली गाड़ी से कम से कम 70 मीटर की दूरी रहना जरूरी है। साधारणतया, ड्राइविंग के समय अगर आपको सड़क के बीच में वाइट पट्टी (जो अधिकांश सड़कों पर होती ही है), दिखती है तो आप अगली कार से खुद को सुरक्षित दूरी पर मान सकते हैं।

नजरें सिर्फ सड़क पर
कार चलाते समय चालक की निगाहें सिर्फ सड़क पर होनी चाहिए। यानी ड्राइविंग करते समय फोन पर बात नहीं करना चाहिए, न ही अपने फोन पर मैसेज टाइप करना चाहिए। इसके अलावा गाड़ी चलाते वक्त कुछ खाना भी नहीं चाहिए। कुल मिलाकर चालक का ध्यान सिर्फ गाड़ी चलाने पर होना चाहिए। इसके लिए आपको कार में बैठे लोगों के संग बातचीत करने से भी बचना चाहिए। अगर बातचीत की वजह से आपका ध्यान बंट गया तो संतुलन खो सकता है और सड़क पर चल रही अन्य गाड़ी संग दुर्घटना का शिकार हो सकती है।
कार चलाते समय चालक की निगाहें सिर्फ सड़क पर होनी चाहिए। यानी ड्राइविंग करते समय फोन पर बात नहीं करना चाहिए, न ही अपने फोन पर मैसेज टाइप करना चाहिए। इसके अलावा गाड़ी चलाते वक्त कुछ खाना भी नहीं चाहिए। कुल मिलाकर चालक का ध्यान सिर्फ गाड़ी चलाने पर होना चाहिए। इसके लिए आपको कार में बैठे लोगों के संग बातचीत करने से भी बचना चाहिए। अगर बातचीत की वजह से आपका ध्यान बंट गया तो संतुलन खो सकता है और सड़क पर चल रही अन्य गाड़ी संग दुर्घटना का शिकार हो सकती है।

मिरर का इस्तेमाल जरूरी
कार चलाने से पहले अपनी सीट को सही तरह से एडजस्ट कर लेना चाहिए। रियर व्यू मिरर और विंग मिरर (साइड मिरर) का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी मिरर सही से दिखाई देने चाहिए, जिससे दाएं, बांए या फिर पीछे से आ रही गाड़ी पर स्पष्ट निगाह बनी रहे। कार को रिवर्स करते समय पीछे देखने या कार के बाहर सिर बाहर निकालने से बचना चाहिए। अब ज्यादातर कारें पार्किंग कैमरे के साथ आती हैं। इससे कार ड्राइविंग और पार्किंग करने में काफी आसानी होती है।
कार चलाने से पहले अपनी सीट को सही तरह से एडजस्ट कर लेना चाहिए। रियर व्यू मिरर और विंग मिरर (साइड मिरर) का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी मिरर सही से दिखाई देने चाहिए, जिससे दाएं, बांए या फिर पीछे से आ रही गाड़ी पर स्पष्ट निगाह बनी रहे। कार को रिवर्स करते समय पीछे देखने या कार के बाहर सिर बाहर निकालने से बचना चाहिए। अब ज्यादातर कारें पार्किंग कैमरे के साथ आती हैं। इससे कार ड्राइविंग और पार्किंग करने में काफी आसानी होती है।

कार रखें दुरुस्त
कार की सर्विसिंग नियमित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए कार की ऑइल चेंज, टायर प्रेशर की जांच, टायर को नियमित रूप से रोटेट करते रहना, ब्रेक फ्लुइड और कूलेंट लेवल की जांच करते रहना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से आप कई सारी समस्याओं से बचा सकते हैं। कार में जरूरी कागजात और इमरजेंसी किट हमेशा मौजूद रहनी चाहिए। किसी दुर्घटना, ब्रेकडाउन या आपात स्थिति में यह काम आते हैं।
कार की सर्विसिंग नियमित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए कार की ऑइल चेंज, टायर प्रेशर की जांच, टायर को नियमित रूप से रोटेट करते रहना, ब्रेक फ्लुइड और कूलेंट लेवल की जांच करते रहना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से आप कई सारी समस्याओं से बचा सकते हैं। कार में जरूरी कागजात और इमरजेंसी किट हमेशा मौजूद रहनी चाहिए। किसी दुर्घटना, ब्रेकडाउन या आपात स्थिति में यह काम आते हैं।

सुरक्षा ही बचाव
बारिश का मौसम, तेज हवा और बर्फबारी से भी ड्राइविंग करना मुश्किलों भरा हो सकता है। इसलिए बारिश के दौरान कार धीरे चलाएं। सबसे अहम बात यह है कि अगर मौसम खराब है तो ड्राइविंग करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही ड्राइविंग के दौरान कभी भी नशा नहीं करना चाहिए। नशे की हालत में कार चलाना कानूनी जुर्म तो है ही साथ ही अपनी और सड़क के दूसरे राहगीरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।
बारिश का मौसम, तेज हवा और बर्फबारी से भी ड्राइविंग करना मुश्किलों भरा हो सकता है। इसलिए बारिश के दौरान कार धीरे चलाएं। सबसे अहम बात यह है कि अगर मौसम खराब है तो ड्राइविंग करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही ड्राइविंग के दौरान कभी भी नशा नहीं करना चाहिए। नशे की हालत में कार चलाना कानूनी जुर्म तो है ही साथ ही अपनी और सड़क के दूसरे राहगीरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।
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